“मनुष्य नैसर्गिक रूप से प्रकृति के उपासक हैं। प्रकृति के प्रति श्रद्धा और पर्यावरण के प्रति प्रेम मनुष्यों में धर्मनिष्ठा का प्रमाण है। सनातन संस्कृति, मनुष्यों को नैसर्गिक रूप से प्रकृति को समर्पित जीवनशैली के साथ–साथ नियमबद्ध तथा वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी के सूत्र एवं मौलिक दृष्टि प्रदान करती है। व्यक्ति से व्यक्ति और व्यक्ति से समष्टि को जोड़ने वाले उपासना विधानों की रचना करती है। कल्याण परिवार प्रकृति-उपासक के रूप में संपूर्ण विश्व में प्रकृति उपासना के इसी सनातन विधान की पुनर्स्थापना हेतु दृढ़ संकल्पित है। सत्य के आलोक में, विश्वबंधुत्व की नैष्ठिक धुरी पर कल्याण परिवार सामान्य मानवी के मध्य प्रकृति प्रेम के नैसर्गिक बीजों को निरंतर स्थापित कर रहा है।”