जो ब्रह्म का ज्ञाता है वही ब्राह्मण है!
लोकमंगल की भावना से संस्कृत जीवनशैली का अभ्यास करने के लिए तथा उसके विकास और संवर्धन के लिए वैदिक कर्मकांडों और अनुष्ठानों का आयोजन समस्त सनातन समूहों द्वारा किया जाता रहा है और अनंत काल तक किया जाता रहेगा।
लोकमंगल की भावना से संस्कृत जीवनशैली का अभ्यास करने के लिए तथा उसके विकास और संवर्धन के लिए वैदिक कर्मकांडों और अनुष्ठानों का आयोजन समस्त सनातन समूहों द्वारा किया जाता रहा है और अनंत काल तक किया जाता रहेगा।
Exclusive Blog on International Yoga Day by Acharya Shree Paawan Maharaj Ji
Nature’s realization and protection is the main objective of Vasudha Kalyan Ashram Family. We want every human being to be rich in divine qualities. Every human should not reside in nature as a human being but as a great human being.
God is the father of both light and darkness. He created and balanced life with the harmony between darkness and light.
Religion and miracles are mutually opposite process. Religion is always the inflammation of instant and momentary fragments of thirst and the nourishment of eternal and eternal seeds of truth. Miracle is the opposite verb.