धर्म सभा

“न हि सत्यात् परो धर्म:।।” अर्थात सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं! इस ब्रह्म भाव को आधार बनाकर यथाशीघ्र हम वसुधा कल्याण आश्रम के द्वारा एक “धर्म सभा” को संयोजित करने जा रहे हैं जिसके माध्यम से हम भारतीय सनातन जीवन शैली को आधार बनाकर ‘बोध’ एवं जीवन की शाश्वत उन्नति की ओर सामान्य मानवी किस प्रकार उन्मुख हो इस संदर्भ में उन्हें निर्देशित करने का प्रयास प्रारम्भ करेंगे। धर्मानुशीलन एवं उसके मध्य जो व्यर्थ के आडम्बर हैं, उसके प्रति हम सामान्य मानवी को जागरूक करने हेतु दृढ़ संकल्पित हैं। इस “धर्म सभा” द्वारा हम सनातन धर्म के मानकों को पुनर्स्थापित करेंगे। इसके साथ ही राष्ट्रवाद के नैतिक आचरण की समतामूलक शिक्षा द्वारा सनातन धर्मियों (हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिक्ख,) को एकीकृत करने का भागीरथी प्रयास करेंगे। हम प्राचीन एवं नवीन में समन्यवय स्थापित कर एक विश्वसंस्कृति का निर्माण करेंगे।
Dharm Sabha