॥ श्री गायत्री मंत्र ॥
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
॥ श्री गणेश गायत्री मंत्र ॥
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
॥ श्री शिव गायत्री मंत्र ॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥
॥ श्री नारायण गायत्री मंत्र ॥
ॐ नारायण विधमहे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात् ॥
॥ श्री कृष्णा गायत्री मंत्र ॥
ॐ देवकी नन्दनाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो् कृष्णः प्रचोदयात् ॥
॥ श्री राम गायत्री मंत्र ॥
ॐ दाशरथये विद्महे, जानकी वल्लभाय धीमह, तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥
॥ श्री नरसिंह गायत्री मंत्र ॥
ॐ वज्रनखाय विद्महे, तीक्ष्ण दंष्ट्राय धीमहि, तन्नो नरसिंह प्रचोदयात् ॥
॥ श्री हयग्रीव गायत्री मंत्र ॥
ॐ वाणीश्वराय विधमहे, हयग्रीवाय धीमहि, तन्नो हयग्रीव: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री सुदर्शन गायत्री मंत्र ॥
ॐ सुदर्शनाय विद्महे, महा ज्वालय धीमहि, तन्नो चक्र प्रचोदयात् ॥
॥ श्री ब्रह्म गायत्री मंत्र ॥
ॐ वेदात्मने च विधमहे हिरंगार्भाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥
॥ श्री लक्ष्मी गायत्री मंत्र ॥
ॐ महादेव्यै च विद्महे, विष्णु पत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥
॥ श्री सरस्वती गायत्री मंत्र ॥
ॐ वागदैव्यै च विद्महे, कामराजाय धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥
॥ श्री दुर्गा गायत्री मंत्र ॥
ॐ गिरिजाये विधमहे, शिवप्रियाय धीमहि, तन्नो दुर्गा: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री राधा गायत्री मंत्र ॥
ॐ वृषभानुजायै विद्महे, कृष्णप्रियायै धीमहि, तन्नो राधा प्रचोदयात् ॥
॥ श्री सीता गायत्री मंत्र ॥
ॐ जनक नंदिन्ये विधमहे, भुमिजाय धीमहि, तन्नो सीता: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री इन्द्र गायत्री मंत्र ॥
ॐ सहस्त्र नेत्राए विधमहे, वज्रहस्ताय धीमहि, तन्नो इन्द्र: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री हनुमान गायत्री मंत्र ॥
ॐ अंजनीसुताय विद्महे, वायुपुत्राय धीमहि, तन्नो मारुतिः प्रचोदयात् ॥
॥ श्री आदित्य गायत्री मंत्र ॥
ॐ भास्कराय विद्माहे, महातेजाय धीमहि, तन्नोन सूर्यः प्रचोदयात् ॥
॥ श्री चन्द्र गायत्री मंत्र ॥
ॐ क्षीरपुत्राय विद्माहे, अमृततत्त्वाय धीमहि, तन्नोो चन्द्र: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री भौम गायत्री मंत्र ॥
ॐ क्षिति पुत्राय विदमहे, लोहितांगाय धीमहि, तन्नो भौम: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री बुध गायत्री मंत्र ॥
ॐ सौम्य रूपाय विद्महे, वाणोषाय धीमहि, तन्नो सौम्य: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री गुरु गायत्री मंत्र ॥
ॐ गुरुदेवाय विद्मिहे, वाणेशाय धीमहि, तन्नो: गुरु: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री शुक्र गायत्री मंत्र ॥
ॐ भृगुसुताय विद्मिहे, दिव्यदेहाय धीमहि, तन्नो: शुक्र: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री शनि गायत्री मंत्र ॥
ॐ शिरोरुपाय विद्मिहे, मृत्युरुपाय धीमहि, तन्नो: सौरि: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री राहू गायत्री मंत्र ॥
ॐ शिरोरुपाय विद्मिहे, अमृतेशाय धीमहि, तन्नो: राहु: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री केतु गायत्री मंत्र ॥
ॐ गदाहस्ताय विद्मिहे, अमृतेशाय धीमहि, तन्नो: केतु: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री वरुण गायत्री मंत्र ॥
ॐ जलबिंबाय विद्म हे, नीलपुष्पाय धीमहि, तन्नोन अम्बुः प्रचोदयात् ॥
॥ श्री यम गायत्री मंत्र ॥
ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे, महाकालाय धीमहि, तन्नो यम: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री अग्नि गायत्री मंत्र ॥
ॐ महाज्वालाय विद्महे, अग्नि मध्याय धीमहि, तन्नो: अग्नि प्रचोदयात् ॥
॥ श्री गरूड गायत्री मंत्र ॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, सुपर्णपर्णाय धीमहि, तन्नो गरूड प्रचोदयात् ॥
॥ श्री नंदी गायत्री मंत्र ॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, चक्रतुन्दय धीमहि, तन्नो नंदी: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री पृथ्वी गायत्री मंत्र ॥
ॐ प्रथ्वीदेव्यै विद्महे, सहस्रमूर्तये च धीमहि, तन्नो पृथ्वी: प्रचोदयात् ॥
॥ श्री तुलसी गायत्री मंत्र ॥
ॐ श्री तुलस्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ॥
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