परम श्रद्धेय आचार्य श्री पावन महाराज जी

Shree Paawan Maharaj
परम श्रद्धेय आचार्य श्री पावन महाराज जी परिष्कृत एवं दिव्य आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि से सम्पन्न एक महान साधक एवं आध्यात्मिक गुरु हैं, जिन्होंने जन्मजन्मांतर की गहन एवं कठोर साधनाओं के द्वारा ब्रह्मांडीय चेतना से संबद्ध अपने आत्मिक अनुभवों को पुष्ट किया है। समस्त वसुधा के कल्याण तत्वों एवं चेतना के विभिन्न आयामों के गहन अध्ययन एवं सूक्ष्म विश्लेषण के फलस्वरूप उनका आत्मिक अनुभव अनंत गहराई को धारण किये हुए है। जीवंत अंतर्दृष्टि एवं उत्कृष्ट चेतना से युक्त उनका विराट व्यक्तित्व अभ्युदय और निःश्रेयस के संतुलन का संदेश देते हुए जीवन के वास्तविक लक्ष्यों तथा सत्य एवं उसके अति सूक्ष्म एवं महाविराट आयामों का अन्वेषण करने वाले साधकों का निरंतर मार्गदर्शन करता रहता हैं। आचार्य श्री निरंतर सर्वकल्याण की भावना से सनातन जीवन के सिद्धांतों और सूत्रों को अति सरल भाव में रूपांतरित करते हुए साधकों में आत्मगौरव, शौर्य, सामर्थ्य, शक्ति, समाधान और कल्याण की भावना को पुष्ट करने का प्रयास करते रहते हैं। जिज्ञासु साधकों की जिज्ञासाओं का समाधान उनकी जीवनचर्या है।
सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वासों एवं धार्मिक अनुष्ठानों के नाम पर किए जाने वाले व्यर्थ के आडंबरों और अनैतिक आग्रहों से भिन्न आचार्य पावन महाराज आत्मसाक्षात्कार और आत्मपरिष्कार से संबंधित यौगिक साधनाओं की अत्यंत सरल एवं वैज्ञानिक पद्धतियों को जनसाधारण में प्रसारित कर रहे हैं। आचार्य अपनी समृद्ध, सूक्ष्म एवं रोचक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाओं को विभिन्न साहित्यिक एवं काव्यात्मक रचनाओं के माध्यम से भी जनमानस में निरंतर संप्रेषित करते रहते हैं। अपनी यात्राओं के क्रम में वे विभिन्न स्थानों पर आयोजित गोष्ठीयों एवं चर्चाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त रूढ़ियों को निर्मूल करने के साथ साथ समृद्ध सनातन परम्पराओं के प्रति जन साधारण की चेतना को जागृति के शिखर पर स्थापित करने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। एक योगी के रूप में उन्होने अपनी अंतर्दृष्टि से शून्य, अनंत, ज्ञात, अज्ञात एवं अज्ञेय के गूढ़तम रहस्यों को सरलता से परिभाषित किया है। वे निरंतर अपने सान्निध्य में आने वाले प्रत्येक साधक में सत्य और सत्य के अनुपम आयामों के दर्शन का सामर्थ्य विकसित कर रहे हैं। सनातन जीवन के पुनरुत्थान एवं सर्वकल्याण की भावना से उन्होनें ‘वसुधा कल्याण आश्रम’ की स्थापना की है।
Acharya Shree Paawan Maharaj Ji

AWARDS & RECOGNITION

Vasudha Kalyan Ashram

वसुधा कल्याण आश्रम

‘वसुधा कल्याण आश्रम’ का उद्देश्य मानवीय कल्याण भावों के अनुकूल होकर प्रकृति के साथ अपनी समग्रता का विस्तार करते हुए धर्मजीवन का निर्वहन करना है। ‘वसुधा कल्याण आश्रम’ वैचारिक धरातल पर मनुष्य अपने जीवन में कुशलता, कौशल, कर्मण्यता और कीर्ति के संयोजन (समायोजन) द्वारा अपने जीवन की उच्चतम संभावनाओं को परिणाम में परिवर्तित कर मानव सभ्यता एवं संस्कृति के विकास को उसके चरम बिन्दु पर स्थापित कर सकेगा। प्रकृति ईश्वर द्वारा प्रदत्त अमूल्य उपहार है। यह लोककल्याण हेतु धरोहर है एवं इसकी सेवा और रक्षा करना इस धरा के प्रत्येक मनुष्य का परम कर्तव्य है। मनुष्य जाति पर ही इसके संरक्षण एवं संवर्धन की पूर्ण जिम्मेवारी है क्योंकि ‘प्रकृति’ तथा बोध और भावना से युक्त ‘मनुष्य’ दोनों ही ईश्वर की अप्रतिम रचनाएँ हैं। ‘वसुधा कल्याण आश्रम’ अपने सभी न्यासी, जीवनदानी, त्यागी युवाओं, स्वयंसेवकों एवं समाज के प्रत्येक वर्ग के बुद्धिजीवियों के सहयोग से ‘सनातन धर्म’ के आश्रय में ‘सनातन युग’ की अवधारणा से कृतसंकल्पित होकर कार्य करता आ रहा है।
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